भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025 से बाहर: हार का कारण और आगे की राह

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भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025 से बाहर: हार का कारण और आगे की राह

भारत के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह एक बड़ा झटका है कि भारतीय क्रिकेट टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 की दौड़ से बाहर हो गई है।

कुछ समय पहले तक भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट चैम्पियनशिप में पहुंचने के करीब थी पर घरेलू सीरिज में न्यूजीलैंड से 3-0 से मिली हार ने भारत के लिये टेस्ट चैम्पियनशिप में एन्ट्री के दरवाजे बंद कर दिये।

और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम की बल्लेबाजी ने रही सही कसर पूरू कर डाली, इस असफलता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस लेख में हम समझेंगे कि यह स्थिति कैसे बनी, इसके पीछे के कारण क्या हैं और भारतीय क्रिकेट के लिए आगे का रास्ता क्या हो सकता है।

हार का कारण

भारत की WTC 2025 की यात्रा उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। टीम के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली, खासकर विदेशी दौरों पर। सबसे तगड़ा झटका भारतीय टीम को न्यूजीलैंड ने दिया।

3 मैंचों की टेस्ट सीरीज के लिये न्यूजीलैंड अक्टूबर महीने में भारत दौरे पर थी। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि भारत यह टेस्ट सीरीज 3-0 से हार जायेगा। इन लगातार तीन हारों का मुख्य कारण टीम की कमजोर बल्लेबाजी रही।

चयन और रणनीति में खामियां

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और टीम प्रबंधन की रणनीति पर भी सवाल उठे। गलत टीम चयन, प्लेइंग इलेवन में बदलाव और पिच की स्थिति को समझने में असफलता ने टीम की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अनुभवी खिलाड़ियों ने दबाब में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और दूसरे अनुभवी खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया गया। नए खिलाड़ियों पर भरोसा किया गया, लेकिन वे दबाव में प्रदर्शन करने में विफल रहे।

फिटनेस और आउट ऑफ फार्म खिलाड़ी

भारतीय टीम के कई महत्वपूर्ण खिलाड़ी चोटिल रहे, जिससे टीम को बड़ा झटका लगा। मोहम्मद शमी जैसे प्रमुख खिलाड़ी लंबे समय तक टीम से बाहर रहे।

वही भारतीय टीम का मध्य बल्लेबाजी आउट ऑफ फार्म थी। स्पिन गेंदबाज रविचन्द्रन अश्विन को फिट होते हुये भी टीम में शामिल नहीं किया गया। इन्ही कुछ कारणों ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों को कमजोर कर दिया।

विदेशी परिस्थितियों में संघर्ष

भारतीय टीम का विदेशी पिचों पर खराब प्रदर्शन WTC से बाहर होने का एक बड़ा कारण रहा। स्विंग और उछाल भरी पिचों पर भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए।

इसके अलावा, टीम ने गेंदबाजी में भी स्थिरता नहीं दिखाई। विदेशी परिस्थितियों में गेंदबाज विकेट निकालने में असफल रहे, जिससे विपक्षी टीमों ने बड़ा स्कोर खड़ा किया।

सिर्फ बुमराह ही विपक्षी बल्लेबाजी को परेशान कर सके और किसी भी गेंदबाज का उनको साथ नहीं मिल पाया।

रोहित शर्मा और विराट कोहली की बल्लेबाजी

रोहित शर्मा और विराट कोहली भारतीय क्रिकेट की रीढ़ माने जाते हैं। पर पिछले कुछ मैंचों से दोनों ही खिलाड़ी आउट ऑफ फार्म हैं। जरुरत के समय दोनों ही खिलाड़ियों की बल्लेबाजी नहीं चल पाई।

  • रोहित शर्मा: टेस्ट कप्तान के तौर पर रोहित ने कुछ महत्वपूर्ण पारियां खेली, लेकिन उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी दिखी। विदेशी पिचों पर उनके प्रदर्शन ने टीम को निराश किया, खासकर जब टीम को उनसे बड़े स्कोर की आवश्यकता थी। रोहित के लिए यह आवश्यक होगा कि वे अपनी तकनीक पर काम करें और स्विंग तथा उछाल भरी पिचों पर बेहतर प्रदर्शन करें।

  • विराट कोहली: कोहली का फॉर्म पिछले कुछ समय से उतार-चढ़ाव भरा रहा है। हालांकि उन्होंने कुछ प्रभावशाली पारियां खेली हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी पुरानी लय गायब सी लगती है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैंचों में कोहली ने संघर्ष किया, खासकर लंबी पारियां खेलने में। यह जरूरी है कि कोहली मानसिक रूप से खुद को मजबूत करें और अपनी पुरानी लय को वापस पाएं।

आगे की राह

भारतीय क्रिकेट के लिए यह समय आत्मनिरीक्षण का है। WTC 2025 से बाहर होना केवल एक झटका नहीं, बल्कि एक संकेत है कि टीम को अपनी खामियों पर गंभीरता से काम करना होगा। आइए जानते हैं कि भारतीय टीम को अब किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।

1. घरेलू क्रिकेट को मजबूत करना:

घरेलू क्रिकेट भारतीय क्रिकेट का आधार है। रणजी ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे नए और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तैयार करने में मदद मिलेगी।

2. फिटनेस और खिलाड़ी प्रबंधन:

चोटों से बचाव और खिलाड़ियों की फिटनेस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। भारतीय टीम को यह सुनिश्चित करना होगा कि खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह फिट हों। इसके लिए उन्हें आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।

3. विदेशी दौरों की तैयारी:

विदेशी पिचों पर बेहतर प्रदर्शन के लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता है। स्विंग, उछाल और स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों में खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए विशेष शिविर लगाए जाने चाहिए।

4. नेतृत्व में स्थिरता:

टीम को एक स्थायी और प्रभावी नेतृत्व की जरूरत है। कप्तान और कोच के बीच तालमेल महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना होगा कि कप्तान के पास निर्णय लेने की स्वतंत्रता हो और टीम प्रबंधन का पूरा समर्थन मिले।

5. मानसिक मजबूती:

आधुनिक क्रिकेट में मानसिक मजबूती का भी उतना ही महत्व है जितना तकनीकी कौशल का। खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक सलाह और प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

नये खिलाड़ियों को मौका

भारतीय क्रिकेट टीम को नये और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए। युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव दिलाना महत्वपूर्ण है।

सरफराज़ खान, शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और इशान किशन जैसे खिलाड़ियों में क्षमता है, लेकिन उन्हें नियमित रूप से मौके दिए जाने चाहिए।

भारत का WTC 2025 से बाहर होना भारतीय क्रिकेट के लिए एक सीखने का मौका है। इस असफलता से भारतीय टीम को अपनी कमजोरियों को पहचानने और उन्हें दूर करने का अवसर मिलेगा।

यदि भारतीय टीम घरेलू क्रिकेट को मजबूत करती है, विदेशी परिस्थितियों में बेहतर तैयारी करती है और नेतृत्व में स्थिरता लाती है, तो वह आने वाले समय में फिर से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने की दावेदार बन सकती है।

भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को उम्मीद है कि यह असफलता भारतीय क्रिकेट को और मजबूत बनाएगी और टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।

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