भारतीय सिनेमा ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसी फिल्में दी हैं जो न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक अलग पहचान बना चुकी हैं।
इनमें से दो फिल्में “पुष्पा: द रूल” और “बाहुबली 2: द कॉन्क्लूज़न” का नाम शीर्ष पर आता है। दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़े और प्रशंसा के नए आयाम स्थापित किए।
लेकिन इन दोनों फिल्मों में कौन सी अधिक प्रभावशाली है? आइए इसका विश्लेषण करते हैं।
कहानी और निर्देशन
बाहुबली 2: द कॉन्क्लूज़न
एस.एस. राजामौली द्वारा निर्देशित, “बाहुबली 2” भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी और महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है।
यह फिल्म महिष्मति साम्राज्य की कहानी को बड़े पैमाने पर प्रस्तुत करती है। फिल्म की कहानी राजा बाहुबली, देवसेना और भल्लालदेव के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें सत्ता, परिवार, और विश्वासघात का संगम है।
राजामौली ने फिल्म में भव्य सेट, उत्कृष्ट वीएफएक्स और एक hdj कहानी के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पुष्पा: द रूल
सुकुमार द्वारा निर्देशित, “पुष्पा: द रूल” अल्लू अर्जुन के करियर की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक मानी जा रही है।
यह फिल्म पुष्पा राज नामक एक व्यक्ति की कहानी को आगे बढ़ाती है, जो लाल चंदन की तस्करी की दुनिया में अपने प्रभुत्व को स्थापित करता है।
फिल्म की कहानी एक साधारण आदमी के संघर्ष और उसके विश्वसनीयता के बढ़ते प्रभाव पर केंद्रित है।
सुकुमार ने फिल्म को असाधारण तरीके से प्रस्तुत किया, जिसमें ग्राउंडेड रियलिज़्म और उच्च-स्तरीय ड्रामा देखने को मिलता है।
अभिनय
बाहुबली 2
प्रभास ने बाहुबली और अमरेन्द्र बाहुबली के डबल रोल में दर्शकों का दिल जीत लिया। अनुष्का शेट्टी, राणा दग्गुबती और सत्यराज जैसे कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में जान डाल दी। खासतौर पर, अनुष्का शेट्टी का देवसेना के रूप में प्रदर्शन बहुत सराहनीय था।
फिल्म के प्रत्येक अभिनेता ने अपनी भूमिका को इतनी बारीकी से निभाया कि दर्शकों के लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव बन गई।
पुष्पा: द रूल
अल्लू अर्जुन ने “पुष्पा: द रूल” में अपने किरदार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी डायलॉग डिलीवरी, बॉडी लैंग्वेज और स्टाइलिश अंदाज ने दर्शकों को प्रभावित किया।
रश्मिका मंदाना ने अपनी सादगी और दमदार अभिनय से फिल्म में चार चांद लगाए।
संगीत और डायलॉग्स
बाहुबली 2
फिल्म का संगीत एम.एम. कीरावाणी ने दिया है, जिसने हर गाने को एक अनूठी पहचान दी। “कौन है वो” और “जय जयकारा” जैसे गाने आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हुए हैं। फिल्म के डायलॉग जैसे “मैंने अपनी जिंदगी में कभी हार नहीं मानी” आज भी याद किए जाते हैं।
पुष्पा: द रूल
फिल्म के गाने और बैकग्राउंड स्कोर देवी श्री प्रसाद (डीएसपी) ने तैयार किए हैं। “श्रीवल्ली” और “सामी सामी” जैसे गाने सोशल मीडिया पर ट्रेंड में रहे। डायलॉग “पुष्पा नाम सुनके फ्लावर समझा क्या, फायर है मैं” पहले भाग में जितना पॉपुलर हुआ, दूसरे भाग में इसे नई ताकत मिली।
बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन
बाहुबली 2
बाहुबली 2 ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया। यह पहली भारतीय फिल्म बनी जिसने 1500 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया।
फिल्म ने न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असाधारण प्रदर्शन किया। फिल्म ने टोटल 1890 करोड़ की विश्व भर में कमाई की थी।
पुष्पा: द रूल
पुष्पा 2 के पहले भाग ने भी बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया था, और दूसरे भाग ने इसे और आगे बढ़ाया।
फिल्म ने अब तक 1760 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। इसकी लोकप्रियता दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत और विदेशों में भी देखी गई।
तकनीकी पहलू
बाहुबली 2
फिल्म की वीएफएक्स और सिनेमैटोग्राफी ने भारतीय सिनेमा में नए मापदंड स्थापित किए। महिष्मति साम्राज्य को जिस भव्यता से प्रस्तुत किया गया, वह अद्वितीय है।
पुष्पा: द रूल
फिल्म में रियलिस्टिक अप्रोच को प्राथमिकता दी गई। जंगल और ग्रामीण परिवेश के दृश्यों को सजीव और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया।
बाहुबली 2 फिल्म को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता जैसे कई पुरस्कार मिले।
पुष्पा: द रूल पुष्पा 2 ने भी अपनी रिलीज़ के तुरंत बाद दर्शकों और आलोचकों से सराहना प्राप्त की। खासकर अल्लू अर्जुन के अभिनय और सुकुमार के निर्देशन की तारीफ हुई।
“बाहुबली 2: द कॉन्क्लूज़न” और “पुष्पा: द रूल” दोनों ही भारतीय सिनेमा के मील के पत्थर हैं। जहां “बाहुबली 2” ने भारतीय सिनेमा को एक वैश्विक पहचान दी, वहीं “पुष्पा: द रूल” ने क्षेत्रीय सिनेमा की ताकत को दिखाया।
यह कहना मुश्किल है कि इनमें से कौन सी फिल्म बेहतर है, क्योंकि दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अपार सफलता हासिल की है।
भारतीय सिनेमा के प्रशंसकों के लिए यह दोनों फिल्में गर्व की बात हैं, और यह साबित करती हैं कि भारतीय फिल्में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं।
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