यह भारत की पहली One Day Century थी

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By Pradeep

भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई स्वर्णिम क्षण दर्ज हैं, लेकिन कुछ ऐसे लम्हे होते हैं जो हमेशा के लिए यादगार बन जाते हैं। ऐसा ही एक पल था जब भारतीय क्रिकेट को उसका पहला वनडे शतक मिला। ये सिर्फ एक खिलाड़ी का व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह एक युग की शुरुआत थी — भारतीय बल्लेबाजी कौशल की घोषणा विश्व पटल पर।

आइए जानें किसने, कब और कैसे बनाया भारत का पहला वनडे शतक, और इसने देश के क्रिकेट पर क्या प्रभाव डाला।

कौन बना भारत का पहला वनडे शतकवीर?

जब भी भारत के क्रिकेट इतिहास की बात होती है, तो एक नाम हमेशा चमकता है — कपिल देव। उन्होंने ही भारत को पहला वनडे शतक दिया और इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम दर्ज किया।

📅 मैच की तारीख: 18 जून 1983
📍 स्थान: ट्यूनब्रिज वेल्स, इंग्लैंड
🏏 बनाम: ज़िम्बाब्वे
📊 स्कोर: 175* (नाबाद)
🎯 गेंदें: 138 | 🏏 चौके: 16 | 💥 छक्के: 6

जब भारत 17/5 पर था, तब आया शतक

भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी, लेकिन शुरुआती 5 विकेट सिर्फ 17 रनों पर गिर गए। एक समय लग रहा था कि भारत 100 रन भी नहीं बना पाएगा। ऐसे में कप्तान कपिल देव ने मोर्चा संभाला और अकेले दम पर भारत को 266 तक पहुंचा दिया।

सिर्फ शतक नहीं, वर्ल्ड कप की दिशा बदल दी

कपिल देव की इस पारी ने भारत को सिर्फ एक मैच नहीं जिताया, बल्कि 1983 वर्ल्ड कप की जीत की नींव भी रख दी। अगर यह पारी न होती, तो शायद भारत वर्ल्ड कप नहीं जीत पाता।

इस शतक के प्रभाव:

  • भारत की सेमीफाइनल में जगह पक्की हुई।
  • पूरी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा।
  • वर्ल्ड कप जीत की नींव पड़ी।

क्यों नहीं है इस पारी का वीडियो?

इस ऐतिहासिक इनिंग की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि इस मैच की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है। BBC की हड़ताल के चलते कैमरे मौजूद नहीं थे।

ट्यूनब्रिज वेल्स ग्राउंड छोटा था और उस दिन BBC की हड़ताल के कारण कोई कैमरा नहीं लगा था। आज हम उस इनिंग को केवल शब्दों और यादों के ज़रिए ही देख सकते हैं।

आज भी लोग कहते हैं — “If only there were cameras!”…….(काश! एक भी कैमरा होता)

मीडिया की हेडलाइंस

अगले दिन अखबारों की हेडलाइंस कुछ ऐसी थीं:

  • “कपिल का कमाल, भारत का धमाल”
  • “Kapil the Saviour”
  • “From 17/5 to 266 – One man army”

क्रिकेट प्रेमियों की राय

भारत के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह पारी सिर्फ एक स्कोर नहीं थी। यह वह आत्मविश्वास था जो टीम इंडिया को मिला। पहली बार भारत ने महसूस किया कि वह भी बड़े मैच जीत सकता है, और किसी भी स्थिति से वापसी कर सकता है।

इस पारी का ऐतिहासिक महत्व

भारत का पहला वनडे शतक: इससे पहले किसी भारतीय बल्लेबाज़ ने वनडे में शतक नहीं मारा था।

वर्ल्ड कप में सर्वश्रेष्ठ पारी: उस समय तक वर्ल्ड कप इतिहास की सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत पारी मानी गई।

टीम को टूर्नामेंट में बनाए रखा: भारत की जीत की संभावना बनी रही, और अंततः भारत ने वर्ल्ड कप जीत लिया।

नए युग की शुरुआत: यह पारी भारतीय क्रिकेट की आत्मा में आत्मविश्वास और आक्रामकता का बीज बो गई।

कुछ रोचक तथ्य

कपिल देव का यह स्कोर उस समय वनडे क्रिकेट का तीसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था।

उस पारी में भारत के आखिरी बल्लेबाज़ सैयद किरमानी ने कपिल देव के साथ शानदार पार्टनरशिप की और वह नाबाद रहे।

यह मैच भारत के वर्ल्ड कप सफर का टर्निंग पॉइंट माना जाता है।

तथ्यजानकारी
भारत का पहला शतककपिल देव – 175*
किसके खिलाफज़िम्बाब्वे
मैच की तारीख18 जून 1983
वीडियो रिकॉर्डिंगनहीं उपलब्ध
भारत का स्कोर266/8

कपिल देव का 175 रन नाबाद सिर्फ एक पारी नहीं थी, वो एक प्रेरणा, एक क्रांति और एक नई सोच थी। इसने भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनने की राह पर अग्रसर किया।

आज भी, जब भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम पलों की बात होती है, तो यह शतक एक चमकते सितारे की तरह याद किया जाता है।

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