भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्पिन गेंदबाज़ों का विशेष स्थान रहा है। जब भी भारत की गेंदबाज़ी की बात होती है, तो तेज़ गेंदबाज़ों से ज़्यादा चर्चा होती है उन जादूगरों की, जो अपनी अंगुलियों और कलाई से क्रिकेट गेंद को नचाते हैं। लेकिन सवाल उठता है – अब तक भारत का सबसे सफल स्पिन गेंदबाज़ कौन है?
इस लेख में हम भारत के टॉप स्पिन गेंदबाजों के आँकड़ों, उपलब्धियों और प्रभाव का विश्लेषण करेंगे और बताएंगे कि कौन है ‘सर्वश्रेष्ठ’।

1-अनिल कुंबले – आंकड़ों के राजा
टेस्ट विकेट: 132 टेस्ट में 619 विकेट
ODI विकेट: 271 मैचों में 337 विकेट
स्ट्राइक रेट: टेस्ट में 66.9
बेस्ट प्रदर्शन: टेस्ट में 10/74 (vs पाकिस्तान, दिल्ली, 1999)
उपलब्धियां:
- भारत के लिए अब तक के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़।
- केवल मुथैया मुरलीधरन के बाद टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले स्पिनर।
- 10 विकेट एक पारी में लेने वाले दुनिया के केवल दो गेंदबाजों में से एक।
कुंबले का नियंत्रण, अनुशासन और विविधता उन्हें स्पिन गेंदबाज़ों की रेस में सबसे आगे ले जाता है। वे लेग स्पिनर थे लेकिन गुगली और टॉपस्पिन का बेजोड़ इस्तेमाल करते थे।

2-रविचंद्रन अश्विन – कैरम बॉल का जादूगर
टेस्ट विकेट: 106 टेस्ट में 537 विकेट (18 दिसम्बर 2024 में सन्यास)
ODI विकेट: 156
स्ट्राइक रेट: टेस्ट में लगभग 52
बेस्ट प्रदर्शन: 7/59
उपलब्धियां:
- सबसे तेज़ 300, 400 और 500 टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज़।
- घरेलू पिचों पर उनका प्रभाव सबसे ज्यादा रहा है।
- ICC टेस्ट रैंकिंग में कई बार नंबर 1 गेंदबाज़ रहे।
अश्विन न केवल ऑफ स्पिनर हैं, बल्कि ‘कैरम बॉल’, ‘फ्लोटर’, ‘डिपर’ और वेरिएशन में मास्टर हैं। उनका क्रिकेटिंग ब्रेन और खेल के प्रति समझ उन्हें खास बनाती है।

3-हरभजन सिंह – द टर्बनेटर
- टेस्ट विकेट: 417
- ODI विकेट: 269
- T20I: 25 विकेट
उपलब्धियां:
- 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक हैट्रिक।
- लंबे समय तक भारत के प्रमुख स्पिनर रहे।
हरभजन की आक्रामकता और बड़ा मैच खेलने की काबिलियत उन्हें भी टॉप स्पिनरों की लिस्ट में शामिल करती है। हालांकि, उनका करियर अश्विन के आने के बाद धीमा हुआ।

4-बिशन सिंह बेदी – स्पिन का सौंदर्य
- टेस्ट विकेट: 266 (67 टेस्ट)
- ERA: 28.71
- एकॉनमी: 2.14
उपलब्धियां:
- 70 के दशक के भारत की “Spin Quartet” के स्तंभ।
- अपने समय के सबसे कलात्मक बाएं हाथ के orthodox स्पिनर माने जाते थे।
बेदी की गेंदबाज़ी में कला थी। वो बल्लेबाज़ को धोखा देने में विश्वास रखते थे, और उनके एक्शन से बल्लेबाज़ भ्रमित हो जाते थे।

5-इरापल्ली प्रसन्ना, चंद्रशेखर, वेंकटराघवन – महान युग के स्तंभ
इन खिलाड़ियों ने मिलकर 60-70 के दशक में भारत को विदेशी जमीन पर जीत दिलाई।
चंद्रशेखर – 242 विकेट
प्रसन्ना – 189 विकेट
वेंकटराघवन – 156 विकेट
ये स्पिन क्वार्टेट थे उस दौर के जो विरोधी टीमों के बल्लेबाजों को पसीना दिलाते थे।
स्पिन गेंदबाजों का तुलना चार्ट
नाम | टेस्ट विकेट | ODI विकेट | स्ट्राइक रेट | युग |
---|---|---|---|---|
अनिल कुंबले | 619 | 337 | 66.9 | 1990s–2008 |
रविचंद्रन अश्विन | 537 | 156 | 52 | 2011–2024 |
हरभजन सिंह | 417 | 269 | 68.5 | 1998–2016 |
बिशन सिंह बेदी | 266 | – | – | 1967–1979 |
बी.एस. चंद्रशेखर | 242 | – | – | 1964–1979 |
सबसे सफल स्पिन गेंदबाज़ कौन?
अगर केवल आँकड़ों की बात करें, तो अनिल कुंबले निस्संदेह भारत के सबसे सफल स्पिन गेंदबाज़ हैं – 619 टेस्ट विकेट और 337 वनडे विकेट का कोई सानी नहीं।

लेकिन साल 2023 तक क्रिकेट की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में, रविचंद्रन अश्विन की विविधता, निरंतरता और घरेलू-विदेशी प्रदर्शन उन्हें विशेष बनाती थी पर उन्होने 18 दिसम्बर 2024 को क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वह कुछ साल और खेल सकते थे पर ऐसा हो ना सका।
भारत में स्पिन गेंदबाज़ी सिर्फ एक कला नहीं, एक परंपरा है। कुंबले, अश्विन, बेदी, हरभजन – इन सभी ने उस परंपरा को नई ऊँचाई दी है। भविष्य में कुलदीप यादव, रवि बिश्नोई जैसे युवा गेंदबाज़ भी इस लिगेसी को आगे बढ़ा रहे हैं।
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