IPL vs PSL करके तुलना करने का खेल पिछले 8 साल से चल रहा है और PSL के फैन्स को हर साल बेइज्जती को ही गले लगाना पड़ जाता है।
उड़ती उड़ती ख़बर है कि चैम्पियन्स ट्राफी की वजह से पाकिस्तान की PSL को IPL के लिये फिक्स की गई विन्डों में कराया जायेगा। तो अब फिर से PSL के फैन्स IPL से तुलना करने की प्लानिंग कर चुके हैं। पर रिजल्ट तो वहीं रहेगा तो पिछले 8 सालें से रहा है।
क्रिकेट आज सिर्फ एक खेल नहीं रह गया है, बल्कि यह एक वैश्विक उद्योग और मनोरंजन का बड़ा मंच बन चुका है। इस खेल के बढ़ते वाणिज्यिकरण ने दुनिया भर में क्रिकेट लीग्स की संख्या में बढ़ोतरी की है।
IPL और PSL ऐसी दो प्रमुख क्रिकेट लीग्स हैं जो अपने-अपने देशों में खेल की चमक और ग्लैमर को बढ़ा रही हैं। हालांकि, दोनों लीग्स में ब्रांड वैल्यू के मामले में बड़ा अंतर है जो कि समन्दर जितना है।
IPL की ब्रांड वैल्यू
इंडियन प्रीमियर लीग को 2008 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने लॉन्च किया था। इसे विश्व की सबसे अमीर क्रिकेट लीग माना जाता है।
2023 तक, आईपीएल की ब्रांड वैल्यू लगभग 11 बिलियन डॉलर आंकी गई थी, जो साल 2024 में 12 बिलियन डॉलर हो गई। IPL की ब्रांड वैल्यू न केवल क्रिकेट की, बल्कि दुनिया की सबसे मूल्यवान खेल लीग्स में शामिल है।
प्रमुख कारण:
- बड़ी फैन बेस: भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह देखा जाता है। आईपीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और टीमों को व्यापक समर्थन मिलता है।
- स्टार पावर: विराट कोहली, रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों और बॉलीवुड हस्तियों जैसे शाहरुख खान और प्रीति जिंटा की उपस्थिति आईपीएल को ग्लैमर से भरपूर बनाती है।
- बड़ी स्पॉन्सरशिप डील्स: वीवो, टाटा, जियो और पेप्सिको जैसे बड़े ब्रांड आईपीएल के प्रमुख प्रायोजक हैं।
- टीवी राइट्स और डिजिटल स्ट्रीमिंग: 2023 में डिज्नी हॉटस्टार और जियोसिनेमा ने आईपीएल के डिजिटल राइट्स के लिए अरबों डॉलर खर्च किए।
- वैश्विक आकर्षण: विदेशी खिलाड़ी जैसे एबी डीविलियर्स, क्रिस गेल, डेविड वॉर्नर, और ट्रेंट बोल्ट आईपीएल में भाग लेकर इसकी वैश्विक पहुंच बढ़ाते हैं।
- खिलाड़ियों का वेतन: आईपीएल में खिलाड़ियों को मिलने वाला वेतन दुनिया की किसी भी अन्य टी20 लीग से ज्यादा है। टॉप खिलाड़ियों को प्रति सीजन 15-24 करोड़ रुपये तक मिलते हैं। और इस वेतन का ऑकड़ा हर नये सीजन के साथ बढ़ता ही जाता है।
PSL की ब्रांड वैल्यू
पाकिस्तान सुपर लीग 2016 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) द्वारा लॉन्च की गई थी। हालांकि, PSL ने पाकिस्तान में क्रिकेट को फिर से लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन ब्रांड वैल्यू के मामले में यह अभी भी आईपीएल से बहुत पीछे है।
2023 में, पीएसएल की ब्रांड वैल्यू लगभग 500 मिलियन डॉलर थी। और साल 2024 में 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
प्रमुख कारण:
विदेशी खिलाड़ियों की कमी: पीएसएल में शामिल विदेशी खिलाड़ी आईपीएल की तुलना में कम प्रसिद्ध और कम आकर्षक माने जाते हैं।
सीमित फैन बेस: पाकिस्तान में क्रिकेट का जुनून होने के बावजूद, जनसंख्या और अर्थव्यवस्था के कारण फैन बेस भारत के मुकाबले छोटा है।
कमर्शियलाइजेशन में कमी: पीएसएल के शुरुआती सीजन UAE में आयोजित किए गए, जिससे घरेलू दर्शकों का जुड़ाव थोड़ा कम रहा।
स्पॉन्सरशिप और विज्ञापन: पीएसएल को स्थानीय ब्रांड्स जैसे हबीब बैंक लिमिटेड और जज्बा जैसे प्रायोजकों से समर्थन मिलता है, लेकिन यह आईपीएल के अंतरराष्ट्रीय प्रायोजकों से तुलना में कमजोर है।
टीवी और डिजिटल राइट्स: पीएसएल को प्रसारण अधिकारों से उतनी कमाई नहीं होती जितनी आईपीएल को होती है।
खिलाड़ियों का वेतन: PSL में खिलाड़ियों का वेतन 20 लाख से 4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक होता है।
IPL vs PSL: ब्रांड वैल्यू में तुलना
IPL | PSL | |
लॉन्च वर्ष | 2008 | 2016 |
ब्रांड वैल्यू | 12 बिलियन डॉलर | 3 बिलियन डॉलर |
प्रमुख प्रायोजक | TATA, JIO, VIVO | HABIB BANK, ZAZBA |
दर्शकों की संख्या | 60 करोड़ से ज्यादा | 6 करोड़ से ज्यादा |
मीडिया राइट्स का मूल्य | 6.2 बिलियन डॉलर(2023-27) | 24 मिलियन डॉलर (2024) |
स्टार खिलाड़ियों की उपस्थिति | हां | सीमित |
क्यों है आईपीएल आगे?
- आर्थिक शक्ति: भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान की तुलना में मजबूत है। इससे आईपीएल को बड़े निवेश और विज्ञापन मिलने में मदद मिलती है।
- वैश्विक अपील: आईपीएल में दुनिया भर के खिलाड़ी भाग लेते हैं, जबकि पीएसएल में कुछ बड़े नाम ही शामिल होते हैं।
- मैचों की संख्या और अवधि: आईपीएल का आयोजन 8-10 सप्ताह तक होता है, जबकि पीएसएल का समय कम होता है। यह अधिक विज्ञापन और व्यावसायिक लाभ देता है।
- ग्लैमर और मनोरंजन: बॉलीवुड का जुड़ाव आईपीएल को और अधिक आकर्षक बनाता है।
PSL की चुनौतियां और संभावनाएं
PSL को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने की जरूरत है:
- विदेशी खिलाड़ियों को आकर्षित करना।
- घरेलू दर्शकों और प्रशंसकों को और अधिक जोड़ना।
- मजबूत प्रायोजक और अंतरराष्ट्रीय विज्ञापनदाताओं को लाना।
- मैचों को पाकिस्तान के बाहर भी बढ़ावा देना।
IPL और PSL दोनों अपने-अपने देशों में क्रिकेट को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, ब्रांड वैल्यू के मामले में आईपीएल निस्संदेह पीएसएल से काफी आगे है। इसका प्रमुख कारण भारत की आर्थिक शक्ति, व्यापक दर्शक संख्या, और बड़े प्रायोजक हैं।
दूसरी ओर, पीएसएल को अपने प्रारंभिक वर्षों में मिली चुनौतियों के बावजूद अपनी पहचान बनाने में सफलता मिली है। अगर पीएसएल अपने मार्केटिंग और वाणिज्यिक रणनीतियों में सुधार करता है, तो यह आने वाले वर्षों में और भी बड़ा ब्रांड बन सकता है पर IPL से तुलना करके फिर पटखनी खायेगा।
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